(1)
नहीं ढूंढता अपनी मोहब्बत ऊंचे ऊंचे बंगलो में ,
हो सकता है वह रहती हो किसी शहर के छोटे से कोने में।
नहीं ढूंढता अपनी मोहब्बत महंगी महंगी गाडी में ,
हो सकता है वह मिल जाए किसी गांव की पगड़ड़ी में।
नहीं ढूंढता अपनी मोहब्बत हर एक हसीन चहरे में ,
हो सकता है वह छुपी हो किसी खूबसूरत से दिल वाली लड़की में।।
* छगन चहेता
(2)
की होगी तारीफे न जाने कितनों ने तुम्हारे हुस्न की,
किये होंगे वादे तेरे लिए चांद तारे लाने के,
ताज के ख्वाब भी दिखाए होंगे ,
जान देने को भी तैयार होंगे बहुत सारे।
पर मेरा वादा है इन सब से ऊपर ,
रहे ना किसी दिन ये नूरानी चेहरा, हुस्न की जवानी,
तब तेरे चेहरे की झुर्रियों से भी रहेगी मेरी दीवानगी।।
* छगन चहेता
(3)
जब मिली नहीं वजह मुस्कुराने की तो सीख लिया ,
बस यूं ही मुस्कुराना ,बस यूं ही गुनगुनाना ।
मत जलना मुझसे दुनिया वालों कि यह कैसे बिन मतलब के मुस्कुरा लेता है।
आसान नहीं है यारों, बस यूं ही मुस्कुराना ;
इसके लिए खुद को पागल की संज्ञा देनी पड़ती है।
पागलपन के ताने भी सहने पड़ते हैं ।।
* छगन चहेता
¤ कुछ चीजें ना छुपाई जाए तो बेहतर हैं ।
वैसे मुझे गम के सिवाय कुछ भी छुपाने का शौक नहीं हैं, कभी कभी तो अपनों के सामने गम भी नहीं छुपा पाता हूँ ।
* छगन चहेता
नहीं ढूंढता अपनी मोहब्बत ऊंचे ऊंचे बंगलो में ,
हो सकता है वह रहती हो किसी शहर के छोटे से कोने में।
नहीं ढूंढता अपनी मोहब्बत महंगी महंगी गाडी में ,
हो सकता है वह मिल जाए किसी गांव की पगड़ड़ी में।
नहीं ढूंढता अपनी मोहब्बत हर एक हसीन चहरे में ,
हो सकता है वह छुपी हो किसी खूबसूरत से दिल वाली लड़की में।।
* छगन चहेता
(2)
की होगी तारीफे न जाने कितनों ने तुम्हारे हुस्न की,
किये होंगे वादे तेरे लिए चांद तारे लाने के,
ताज के ख्वाब भी दिखाए होंगे ,
जान देने को भी तैयार होंगे बहुत सारे।
पर मेरा वादा है इन सब से ऊपर ,
रहे ना किसी दिन ये नूरानी चेहरा, हुस्न की जवानी,
तब तेरे चेहरे की झुर्रियों से भी रहेगी मेरी दीवानगी।।
* छगन चहेता
(3)
जब मिली नहीं वजह मुस्कुराने की तो सीख लिया ,
बस यूं ही मुस्कुराना ,बस यूं ही गुनगुनाना ।
मत जलना मुझसे दुनिया वालों कि यह कैसे बिन मतलब के मुस्कुरा लेता है।
आसान नहीं है यारों, बस यूं ही मुस्कुराना ;
इसके लिए खुद को पागल की संज्ञा देनी पड़ती है।
पागलपन के ताने भी सहने पड़ते हैं ।।
* छगन चहेता
¤ कुछ चीजें ना छुपाई जाए तो बेहतर हैं ।
वैसे मुझे गम के सिवाय कुछ भी छुपाने का शौक नहीं हैं, कभी कभी तो अपनों के सामने गम भी नहीं छुपा पाता हूँ ।
* छगन चहेता
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