[ थोड़ा अपनों का, थोड़ा गैरों का ] [डायरी एक अजीब से शख्स की ] दहलीज़ पर हूँ, , भूत और भविष्य की दहलीज़ पर हूँ, , , पक्ष और विपक्ष की
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डायरी : 2 October 2020
कुछ समय से मुलाकातें टलती रही या टाल दी गई लेकिन कल फोन आया तो यूँ ही मैं निकल गया मिलने। किसी चीज़ को जीने में मजा तब आता है जब उसको पाने ...
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